
मध्यप्रदेश सरकार ने नए साल के मौके पर प्रदेशवासियों को एक बड़ा तोहफा दिया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव की अगुवाई में राज्य सरकार ने 9 जिलों के 827 वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में बदलने का ऐलान किया है। इसके लिए गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। इस फैसले से इन क्षेत्रों में विकास कार्यों को गति मिलेगी और आदिवासी समुदाय को मुख्यधारा में शामिल करने की दिशा में एक अहम कदम साबित होगा।
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आदिवासी इलाकों में मिलेगी जंगल कानून से राहत
राज्य सरकार का उद्देश्य आदिवासी इलाकों में बुनियादी सुविधाओं जैसे सड़क, बिजली और पानी को पहुंचाना है। इससे इन इलाकों के लोग अब सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से उठा सकेंगे और कृषि संबंधी अधिकार भी प्राप्त कर सकेंगे। इस बदलाव से आदिवासियों का जीवन स्तर बेहतर होगा और उन्हें जंगल कानून से राहत मिलेगी।
गांवों की सूरत बदलेगी एमपी सरकार
यह प्रस्ताव राज्य सरकार ने 2002-2004 के बीच केंद्रीय सरकार को भेजा था, जिसे केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 22 अप्रैल 2022 को भोपाल में हुए वन समितियों के सम्मेलन में मंजूरी दी थी। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अधिकारियों को इस काम को तेजी से पूरा करने का निर्देश दिया था।
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827 वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में बदलने का निर्णय
राज्य में कुल 925 वन ग्राम हैं, जिनमें से 827 को राजस्व ग्रामों में बदलने का निर्णय लिया गया है। अब इन ग्रामों के निवासी सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से उठा सकेंगे और उनका विकास भी संभव होगा। सरकार आदिवासी समाज के विकास के लिए लगातार प्रयास कर रही है और इस फैसले से उनकी स्थिति में सुधार होने की उम्मीद जताई जा रही है।