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80 साल तक जवानी को बरकरार रखेंगा यह चूरन, खेती कर मुनाफा भी होंगा झमाझम

80 साल तक जवानी को बरकरार रखेंगा यह चूरन, खेती कर मुनाफा भी होंगा झमाझम। हींग (Asafoetida), जिसे हिंदी में “हींग” और अंग्रेजी में “Asafoetida” के नाम से जाना जाता है, एक अत्यधिक महत्त्वपूर्ण मसाला है जो भारतीय रसोई में खास तौर पर इस्तेमाल होता है। इसका तीव्र गंध होने के बावजूद, जब इसे पकाया जाता है, तो यह स्वाद में अद्भुत रूप से गरम मसाले के रूप में काम करता है। इसके न केवल खाद्य उपयोग हैं, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद है। ऐतिहासिक रूप से, इसे आयुर्वेद में एक प्रभावी औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है।

खेती कर मुनाफा भी होंगा तगड़ा

हिंग एक अत्यधिक मूल्यवान मसाला है जो फेरुला पौधे की जड़ों की राल से प्राप्त होता है, जो मध्य एशिया और मध्य पूर्व के कुछ हिस्सों में पाई जाने वाली एक बारहमासी जड़ी-बूटी है। अपनी तीखी गंध के लिए जानी जाने वाली हींग दक्षिण एशिया की पाक परंपराओं में, विशेष रूप से भारतीय व्यंजनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके पाक अनुप्रयोगों के अलावा, इसके चिकित्सीय गुणों के कारण पारंपरिक चिकित्सा में इसके उपयोग का एक लंबा इतिहास है। इस अनोखे मसाले की खेती करना एक लाभदायक उद्यम और सही जलवायु वाले क्षेत्रों में एक आवश्यक कृषि अभ्यास दोनों है।

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हींग स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद

पाचन तंत्र के लिए लाभकारी -हींग का सेवन पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है। यह पेट में गैस, सूजन और पेट की अन्य समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। अगर आपको गैस, अपच या पेट में दर्द की समस्या हो तो थोड़ी सी हींग को पानी में मिलाकर सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। यह पाचन एंजाइमों को सक्रिय करता है, जिससे भोजन जल्दी और सही तरीके से पचता है।

खांसी और सर्दी में राहत-हींग में एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सर्दी, खांसी और अन्य श्वसन संबंधी समस्याओं में राहत प्रदान करते हैं। अगर आपको सर्दी-जुकाम या खांसी हो, तो हींग को गर्म पानी या शहद में मिलाकर सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। यह बलगम को बाहर निकालने में मदद करता है और श्वसन नलिकाओं को साफ करता है।

दर्द निवारण में सहायक– हींग का सेवन दर्द निवारक के रूप में भी किया जाता है। खासतौर पर जोड़ों के दर्द या मांसपेशियों के दर्द में यह राहत दिलाता है। हींग का तेल या पेस्ट जोड़ों पर लगाने से सूजन और दर्द में कमी आ सकती है। यह प्राकृतिक रूप से दर्द को कम करने में मदद करता है।

महिला स्वास्थ्य के लिए लाभकारी– हींग का सेवन महिलाओं के लिए भी फायदेमंद है, खासकर उन दिनों में जब उन्हें पेट में ऐंठन और मासिक धर्म से जुड़ी समस्याएं होती हैं। हींग में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो हार्मोनल असंतुलन को सुधारने में मदद कर सकते हैं। साथ ही, यह रक्त प्रवाह को बेहतर बनाने में मदद करता है और मासिक धर्म के दौरान होने वाली ऐंठन को कम करता है।

दिमागी स्वास्थ्य और तनाव कम करने में मददगार– हींग में ऐसे तत्व होते हैं जो मानसिक तनाव और चिंता को कम करने में मदद करते हैं। यह तंत्रिका तंत्र को शांत करने में सहायक हो सकता है और मानसिक स्थिति को बेहतर बना सकता है। कुछ अध्ययन यह भी दिखाते हैं कि यह मस्तिष्क को उत्तेजित करने के लिए लाभकारी हो सकता है और एकाग्रता बढ़ाने में मदद कर सकता है।

हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद– हींग का सेवन हृदय के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होता है। यह रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है और रक्त वाहिकाओं में रक्त के थक्कों के निर्माण को रोकने में सहायक हो सकता है। इसके एंटीऑक्सिडेंट गुण शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं, जो हृदय संबंधी बीमारियों के जोखिम को कम कर सकते हैं।

वजन घटाने में सहायक– हींग के सेवन से शरीर की चर्बी को कम करने में मदद मिल सकती है। यह मेटाबोलिज्म को तेज करता है और शरीर में जलन (thermogenesis) को बढ़ाता है, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है। यह अतिरिक्त वजन घटाने के लिए एक प्राकृतिक तरीका हो सकता है।

मस्तिष्क की कार्यक्षमता को सुधारने में मदद– हींग में कुछ ऐसे तत्व होते हैं जो मानसिक स्थिति को बेहतर बनाने में मदद करते हैं और मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ाते हैं। यह तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करता है और मानसिक स्पष्टता में वृद्धि करता है। इसके साथ ही, यह मानसिक थकावट और कमजोरी को दूर करने में भी सहायक हो सकता है।

भारत में इन इलाको में बड़े पैमाने पर हो रही है हींग की खेती

भारत में इन इलाको में बड़े पैमाने पर हो रही है हींग की खेती देश में हींग की खेती भूमध्यसागर क्षेत्र से लेकर मध्य एशिया तक में बड़े पैमाने पर की जाती है,कश्मीर और पंजाब के आस पास के कुछ हिस्सों में पैदा होता है। बता दे की भारत में सबसे पहले हींग की खेती की शुरुवात हिमाचल प्रदेश में सुदूर लाहौल घाटी के किसानों ने पालमपुर स्थित सीएसआईआर संस्था द्वारा विकसित कृषि-प्रौद्योगिकी की मदद से हींग की खेती शुरू की है. आपको बता दे हींग की पौधा (ऊंचाई 1 से 1.5 मी. तक) है।

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हींग की खेती के लिए उपयुक्त मिटटी की होंगी आवश्यकता

हींग की खेती के लिए उपयुक्त मिटटी की होंगी आवश्यकता आपको बता दे की हींग की खेती के लिए रेत वाली रेतीली, मिट्टी के ठेले व चिकनी मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है, अगर आप इस प्रकार की मीठी में हींग की खेती करते है, तो आप इससे अच्छी मात्रा में हींग उतपादन कर सकते है। साथ ही आपको बता दे की हींग को पौधे के जड़ से निकाले गए रस से तैयार किया जाता है. एक बार जब जड़ों से रस निकाल लिया जाता है तब हींग बनने की प्रक्रिया शुरू होती है . खाने लायक गोंद और स्टार्च को मिलाकर उसे छोटे-छोटे टुकड़ों में तैयार किया जाता है.

हींग की खेती के बारे में पूरी डिटेल्स

हींग की खेती के बारे में पूरी डिटेल्स हींग की खेती लिए हींग के पौधे को छायादार जगह और ठंडी जलवायु वाले इलाके में की जाती है. अगर आप भी हींग की खेती करना चाहते है, ततो इस बात का ध्यान रखें कि यह पौधा ठंडी जगह पर लगाया जाता है, ऐसे में अगर आप इसे तेज धूप में रखेंगी तो हींग का पौधा ख़राब होकर नष्ट हो सकता है। आइये जानते है आप हींग की खेती में कितनी आएगी लागत।

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हींग की खेती में लागत और मुनाफा

हींग की खेती में कितनी आती है लागत और कितना होता है मुनाफा अगर आप भी हींग की खेती एक हेक्टेयर भूमि में करते है, तो इसके लिए आपको 3 लाख रुपये की लागत आएगी।जिससे आप इस फसल से पांचवे साल में खेती करने पर ज्‍यादा से ज्‍यादा 10 लाख रुपये तक का फायदा मिलेगा।

वही अगर हम इसकी कीमत के बारे में बात करे तो मार्केट में एक किलो Heeng का भाव करीब 35000 से 40000 रुपये प्रति Kilo है। और सीजन के समय इसके दामों में और भी उछाल देखने को मिलता हैं. ऐसे में आप हींग की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हो।

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निष्कर्ष

हींग एक बहुत ही लोकप्रिय मसाला है जिसका पाक और औषधीय महत्व बहुत अधिक है। हालाँकि इसकी खेती के लिए विशिष्ट जलवायु और मिट्टी की स्थिति की आवश्यकता होती है, लेकिन यह सही क्षेत्रों में किसानों के लिए एक लाभदायक उद्यम हो सकता है। उचित मिट्टी की तैयारी, सिंचाई, कीट प्रबंधन और कटाई तकनीकों पर ध्यान केंद्रित करके, किसान हींग को सफलतापूर्वक उगा सकते हैं और आकर्षक वैश्विक मसाला बाजार में प्रवेश कर सकते हैं। प्राकृतिक और जैविक मसालों की बढ़ती मांग के साथ, हींग की खेती शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में किसानों के लिए स्थायी आय प्रदान करने की क्षमता रखती है, जिससे यह विविध कृषि पद्धतियों के लिए एक आकर्षक विकल्प बन जाता है।

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